jangal ko chaman banane ke liye sirf phoolo ke perh rakh liye jaate hai
baki kaat ker hata de to manmohak bagichaa taiyaar ho jata hai.....
her insaan mein pyar,nafrat ishrya,krodh ke beez hote hai.......
aise hi hame yaha mil julker bus pyar ka ahesaas ko sahejna.....
aur sab beezo ko hatana hai..........
aur guldasta aisa jaha ham khud per
garv ker sake...Ki ha ham insaan hai.......
Awaaz Uthaai Hai Sur Koi Milaega
Naav Chori Hai Paar Koi Lagaega......
Ghav Dikhaya Hai Koi Merham Lagayega
Baat Itni Se Hai Aage Koi Baraheg.....
Jansankhya Bataii Hai Koi Rok Lagaega
Nishana Bataya Hai Teer Koi Chalayega...
Muskaan Jagaii Hai Thahaka Koi Lagaega
San-nata Tora Hai Shore Koi Machayega
Chingaari Jagai Hai Shola Koi Bharkayega
Beez Boya Hai Chaman Koi Banayega.....
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जंगल को चमन बनाने के लिये सिर्फ़ फूलों के पेड़ रख लियें जाते हैं
बाकी काट कर हटा दे तो मनमोहक बगीचा तैयार हो जाता है...
हर इंसान में प्यार, नफ़रत, ईर्ष्या, क्रोध के बीज होते हैं...
ऐसे ही हमें यहाँ मिल जुलकर बस प्यार के एहसास को सहेजना.....
और सब बीज़ो को हटाना है...
और गुलदस्ता ऐसा जहाँ हम ख़ुद पर
गर्व कर सकें...की हाँ हम इंसान है...
आवाज़ उठाई है सुर कोई मिलायेगा
नाव चौड़ी है पार कोई लगाएगा......
घाव दिखाया है कोई मरहम लगायेगा
बात इतनी सी है आगे कोई बढ़ायेगा.....
जनसंख्याँ बताई है कोई रोक लगायेगा
निशाना बताया है तीर कोई चलायेगा...
मुस्कान जगाई है ठहाका कोई लगायेगा
सन्नाटा थोड़ा है शोर कोई मचायेगा...
चिंगारी जगाई है शोला कोई भड़कायेगा
बीज़ बोया है चमन कोई बनायेगा.....
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LOVE IS GOD - प्रेम ईश्वर है।
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Monday, June 11, 2007
Aviral | अविरल
Posted by Archana Gangwar at 3:03 AM
Labels: अर्चना | archana
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1 comments:
प्रेम का सुन्दर चित्रण!
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