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Tuesday, September 18, 2007

मोहब्बत में ऐसा क्यों होता है


जाने इस मोहब्बत में ऐसा क्यों होता है
वो मुझसे जुदा हो कर भी जुदा नही होता है

हर एक पल बस तलाश करती हैं उसको मेरी नज़रे
हर एक नज़ारे में बस उसका ही गुमान होता है

देखा करते हैं हम ख्वाब उनके ही दिन रात
सिर्फ़ वो ही वो मेरे दिल के क़रीब होता है

ढलकता है जब भी रात का आँचल चाँद के मुख से
हर बीतते पल में उनसे मिलने का सबब होता है

समा जाए धड़कनों में अब धड़कने कुछ ऐसे
हर पल उनकी सांसो में गुम होने का नशा होता है

अक्सर उनको महसूस किया है मैने अपने आस पास
क्या यह सच है या मेरे वजूद पर उनका यूँ ही असर होता है

सच कर दे इस ख़्वाब को अपनी बाहों में भर के तू सनम
कि आज की रात का सफ़र भी अब यूँ ही ख़्वाबों में खत्म होता है


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LOVE IS GOD - प्रेम ईश्वर है।
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Friday, September 14, 2007

हम तुझसे और सनम क्या चाहते हैं....



हम तुझसे और सनम क्या चाहते हैं
बस तेरे इश्क़ की इन्तहा माँगते हैं

जब भी तू गुम हो तन्हा किन्ही ख्यालों में
उन ख़यालो में अपनी ही बात चाहते हैं

जब भी फैला हुआ हो रात का आँचल
डूबते सितारो तक तेरे संग जागना चाहते हैं

दिल में मचल रहे हैं तेरे लिए कई अरमान
तेरे आगोश में उनको सच होते देखना चाहते हैं

कब तक यूँ ही मुझे तडपाता रहेगा तू यूं ही
आज हम तेरे वजूद में गुम होना चाहते हैं !!




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LOVE IS GOD - प्रेम ईश्वर है।
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Thursday, August 2, 2007

मैं और तुम


यह जो नया एहसास सा दिल पर छाया है
तेरे प्यार की ही तो माया है
मैंने ना जाने ख़ुद को कब से..
इन प्रश्नो में उलझा पाया है

तुमने कहाँ जवाबो को छिपाया है
तुमने क्यूं मेरे सवालो को चुराया है

ख़ुद को क्यूं देखा है वहाँ
जहाँ तुम को नही पाया है
और तुम क्यू हो वहाँ ……..?
जहाँ मेरा साया भी नज़र नही आया है

तब मेरे दिल ने हँस कर ……..
बस यही संगीत सुनाया है
प्यार की मीठी बातों का ……
मुझको यह राज़ बताया है
एक प्यार का तार जुड़ा है दोनो में,
जहाँ मैं हूँ वहाँ तुम हो…..
जहाँ तुम हो वहाँ मैं हूँ

यही विश्वास दिलाने को
दोनो की आँखो में एक खुमार सा छाया है
दिल की निकटता ही बस एक सच है
बाक़ी हर दूरी एक साया है

यह जो नया एहसास सा दिल पर छाया है
यह तेरे ही प्यार की तो माया है !!


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LOVE IS GOD - प्रेम ईश्वर है।
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Friday, July 13, 2007

प्यार की इबारत



कभी दिल के सफ़र में, मैं तुझसे दूर ना थी
पर तुझ तक सफ़र तय करने में वक़्त लगा

समझा नही मैने तेरी किसी बात को झूठा वादा
मैने अपने ख्वाबो का दरवाज़ा तेरे लिए खुला रखा

निशान बने रहे तेरी राहगुजर से मुझ तक आने के लिए
तेरे हर ख़्याल में हर बात में मैने ख़ुद को ज़िंदा रखा

बदल ना जाए कही तेरे नाम की लकीरे मेरे हाथों से
तेरा ही नाम अपनी ज़िंदगी की किताब में बार बार लिखा

कही फिर से ना बदल ले तू अपने प्यार की इबारत कभी भी
अपने प्यार से तेरी दुनिया तेरे जहाँ को मैने रोशन रखा !!

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LOVE IS GOD - प्रेम ईश्वर है।
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Friday, July 6, 2007

यह कौन...


यूँ ही रात बहती है कुछ धीमी -धीमी
यह कौन प्यार का गीत मुझे सुनता है

उस माथे को चूमा हमने यूँ होले से
जिसका चेहरा मुझे चाँद सा नज़र आता है

खिल गया है पलकों पर फिर ख्वाब कोई
यह कौन है जो सोई नींद से मुझे जगाता है

कानों में गूँजता है लफ्ज़ एक प्यार का
यह कौन मुझे सितारों की चुनरी उड़ाता है

यूँ लहका -महका सा आज दिल मेरा
जैसे कोई गुल भंवरे को देख के शरमाता है

चुरा ले आज मुझे दुनिया की नज़रो से सनम
जैसे ईद का चाँद नज़रो में समा के मुस्कराता है


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LOVE IS GOD - प्रेम ईश्वर है।
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Tuesday, June 26, 2007

तेरा अहसास



तेरा अहसास कुछ इस कदर मुझ में समाया है...
हर पल हर समय बस तू ही तू नज़र आया है...

सुबह की पहली किरण और अंगड़ाई लेती
अपनी बाहो के घेरे में...
तुझे ख़ुद को चुमता पाया है...

कैसे सांवरू अपने बाल,
कैसे करूँ आज ख़ुद को तैयार
मेरा कौन सा रूप तुम्हे लुभाया है...

अपनी कज़रे की धार से, चूड़ियों की छनक तक...
बिंदी की चमक से, पायल की झनक तक...
बस तेरा ही अक्स मुझे नज़र आया है...

तुझसे प्यार करते हुए...
अपनी आँखे बंद रखूं या खुली...
देखने के लिए शीशे में...
ख़ुद को तेरे साथ पाया है...

मेरे हर ख़याल में शामिल है तू...
हर बात, हर पल मैने अपने वजूद में...
बस तेरी चाहत को ही पाया है...

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LOVE IS GOD - प्रेम ईश्वर है।
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Thursday, June 21, 2007

प्यार क्या है!



संजीतजी,

आपकी कविता ने मुझे कई विचार दिए, जिनमें से कुछ यहाँ पोस्ट कर रही हूँ, आपका बहुत-बहुत शुक्रिया!!!


(1)

प्यार क्या है, एक राही की मंज़िल.......
एक बंज़र जमी पर, अमृत की प्यास......
पारस पत्थर को ढुँढ़नें की खोज.......
ना पूरा होने वाला एक सुंदर सपना.....
जैसे की बड़ा मुश्किल हो कोई मिलना....
खो के फिर ना पाया हो कहीं पाया .......
मिल के भी,जो ना हुआ हो अपना........


(2)

प्यार है इक एहसास...
दिल की धड़कनी को छूता राग...
या है पागल वसंती हवा कोई...
या है दिल में झिलमिल करती आशा कोई...
या प्यार है एक सुविधा से जीने की ललक...
जो देती है थके तन और मन को एक मुक्त गगन...


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LOVE IS GOD - प्रेम ईश्वर है।
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Wednesday, June 20, 2007

जनुन


तेरी आँखो में शोखियाँ है ज़माने भर की
जिसे तू देख ले वो फिर भटकने का नाम ना ले

रख लिया है हमने तुझे अपनी नज़रो में क़ैद करके
अब इस दिल को बहकने का इल्ज़ाम ना दे

कौन करेगा बेअदाबी अब इस ईश्क़ में
जहाँ ख़ुद खुदा आ के इश्क़ का पेयाम दे

मोहब्बत है एक दरिया और जवानी इसकी लहरे हैं
अब कौन इनमें डूबने का नाम ना ले

दीवाना बना देता है मुझे इशक़े जनुन उसका
मोहब्बत में कोई जनुन से उभरने का नाम ना ले



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LOVE IS GOD - प्रेम ईश्वर है।
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Friday, June 15, 2007

तेरी ही चाहत


छू लेंगे हम तुझे तेरे ख्वाबो में
पर रूबरू तुझसे कभी ना हो पाएँगे

तेरी ही चाहत है इस दिल में सनम
अब यह बात तुझे कैसे समझा पाएँगे

यूँ ही उतर आएँगे हम तेरे ही ख़यालो में
और तेरी रूह में बस उतर जाएँगे

है यही अपने प्यार की इतनी सी दस्तान अब
तेरी दुनिया हम सिर्फ़ ख्वाबो में बसा जाएँगे

जो मिलना चाहो मुझसे तो देख लेना अपने दिल में झाँक कर
एक हम ही हम तुझे वहाँ नज़र आएँगे !!!!!!!



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LOVE IS GOD - प्रेम ईश्वर है।
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Thursday, June 14, 2007

अमर-प्रेम

जब एक प्रेम का धागा जुड़ता है,
दिल का कमल तब ही खिलता है

देखता है खुदा भी आसमान से जमीन पर
जब एक दिल दूसरे से बेपनाहा मोहब्बत करता है

सुलगने लगता है तब धरती का सीना भी
जब कोई आसमान बन के बाहो में पिघलता है

लिखी जाती है तब एक दस्तान-ए -मोहब्बत
तब कही जा कर अमर-प्रेम लोगो के दिलों में उतरता है!!

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LOVE IS GOD - प्रेम ईश्वर है।
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