Tuesday, September 18, 2007

मोहब्बत में ऐसा क्यों होता है


जाने इस मोहब्बत में ऐसा क्यों होता है
वो मुझसे जुदा हो कर भी जुदा नही होता है

हर एक पल बस तलाश करती हैं उसको मेरी नज़रे
हर एक नज़ारे में बस उसका ही गुमान होता है

देखा करते हैं हम ख्वाब उनके ही दिन रात
सिर्फ़ वो ही वो मेरे दिल के क़रीब होता है

ढलकता है जब भी रात का आँचल चाँद के मुख से
हर बीतते पल में उनसे मिलने का सबब होता है

समा जाए धड़कनों में अब धड़कने कुछ ऐसे
हर पल उनकी सांसो में गुम होने का नशा होता है

अक्सर उनको महसूस किया है मैने अपने आस पास
क्या यह सच है या मेरे वजूद पर उनका यूँ ही असर होता है

सच कर दे इस ख़्वाब को अपनी बाहों में भर के तू सनम
कि आज की रात का सफ़र भी अब यूँ ही ख़्वाबों में खत्म होता है


**********************************************
LOVE IS GOD - प्रेम ईश्वर है।
**********************************************

12 comments:

Sanjeet Tripathi said...

सुंदर ख्वाहिश!!

Udan Tashtari said...

बेहतरीन ख्वाब/ उम्दा भाव.

Anonymous said...

रंजना जी , मुहब्बत ऐसा जज्बा है जहा हर रंग बदलने वाला होता है । एक शेर अर्ज़ है ।
दिल तो कहता है मर जाऊं तेरी याद लिए ।
होश कहता है कि उनसे भी तो मिलते जाओ ॥
रंजना जी ,संजीत जी आप लोगो का एक साथ ब्लोग्गिंग का प्रयास बहुत अच्छा है ..जहा ढ़ेर सारे विचार एक साथ आते है .....

आशीष कुमार 'अंशु' said...

Accha laga...

मीनाक्षी said...

वो मुझसे जुदा हो कर भी जुदा नही होता है
दिल की गराइयों में अन्दर उतर चुका होता है.

Kamal N FRENDZ said...

namaste ranjana ji
aapki shayri padkar achcha laga
mera naam kamal hai
main 22 saal ka vidyarthi hoon
kya main aapke baare main kuch jaan sakta hoon

plzzzzzzzz reply soon
@ kamalkake1@gmail.com

GOPAL K.. MAI SHAYAR TO NAHI... said...

वाह..!!

Kamal N FRENDZ said...

gr8 gr8 poem

jr... said...

awesome expression...


Carry on the goodwork.

-jr

KK Yadav said...

Badi sundar bhavabhivyakti hai..badhai.

KK Yadav said...

Ranjana ji, I want to contribute this blog, but i didn,t get any link here.pl. send me any contact.

kkyadav.y@rediffmail.com
www.kkyadav.blogspot.com

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

एक स्मृति के सहारे काट लेना जिन्दगी,
है यही सच्ची इबादत और खुदा की बन्दगी।
प्यार का पल चाहते पाषाण भी हैं,
उनकी यादों में बसे, ये प्राण भी हैं।