यह जो नया एहसास सा दिल पर छाया है
तेरे प्यार की ही तो माया है
मैंने ना जाने ख़ुद को कब से..
इन प्रश्नो में उलझा पाया है
तुमने कहाँ जवाबो को छिपाया है
तुमने क्यूं मेरे सवालो को चुराया है
ख़ुद को क्यूं देखा है वहाँ
जहाँ तुम को नही पाया है
और तुम क्यू हो वहाँ ……..?
जहाँ मेरा साया भी नज़र नही आया है
तब मेरे दिल ने हँस कर ……..
बस यही संगीत सुनाया है
प्यार की मीठी बातों का ……
मुझको यह राज़ बताया है
एक प्यार का तार जुड़ा है दोनो में,
जहाँ मैं हूँ वहाँ तुम हो…..
जहाँ तुम हो वहाँ मैं हूँ
यही विश्वास दिलाने को
दोनो की आँखो में एक खुमार सा छाया है
दिल की निकटता ही बस एक सच है
बाक़ी हर दूरी एक साया है
यह जो नया एहसास सा दिल पर छाया है
यह तेरे ही प्यार की तो माया है !!
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LOVE IS GOD - प्रेम ईश्वर है।
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8 comments:
it is also as good as any of your other creations. Keep writing such beautiful creations.
best of luck
दिखता है लफ़्ज़ों मे एक नया खुमार,
छिपा है शब्दों में बस प्यार ही प्यार,
दूर होता सा दिखता है यह अंधकार,
हो गया है कोई दिल के आर-पार!!
बहुत खूब रंजना जी!!
बहुत सुंदर रचना बधाई....
आपके ही प्रेम सुर में अपनी भी दो पंक्ति---
मुझ में तुम हो, तुम में मैं हूं, तन-मन रमे हुए हैं,
प्रेम सुधा बरसाती रहतीं अपनी दिन और रातें...
bahut khoobsurat likhti hain aap...badhaai..
यह जो एक नया अहसास सा दिल पर छाया है
वो तेरे प्यार की ही तो माया है!!
--खूब कहा, बढ़िया है. बधाई.
अच्छी रचना उपलब्ध कराने के लिए
साधु वाद
बहुत ही अच्छा लिखा है आपने………
Bahut Bahut khooooob Ranjana ji..! Behad Mohabbat bhara aur Khubsoorat Kalaam likha hai aapne...!! Mohabbat me to aap humehsa hi kamaal karti hain.. :) :)
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