tag:blogger.com,1999:blog-6788328943384754751.post2329674788471423456..comments2023-09-04T09:15:29.772-07:00Comments on प्रेमाश्रम: Every Day You Playगिरिराज जोशीhttp://www.blogger.com/profile/13316021987438126843noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-6788328943384754751.post-35671475632829839802007-09-17T01:23:00.000-07:002007-09-17T01:23:00.000-07:00स्वागत है आपका यहां!रचना पर टिप्पणी तो मै अपनी अंग...स्वागत है आपका यहां!<BR/><BR/>रचना पर टिप्पणी तो मै अपनी अंग्रेजी कोचिंग क्लास से आ कर ही कर पाउंगा भाई, क्योंकि उस से पहले तो यह मुझे समझ में आएगी नही न!<BR/>मुआफ़ी!!Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6788328943384754751.post-86634559137814022582007-09-15T22:34:00.000-07:002007-09-15T22:34:00.000-07:00आपका स्वागत है नितिनजी!!!रंजनाजी ने सही कहा है, प्...आपका स्वागत है नितिनजी!!!<BR/><BR/>रंजनाजी ने सही कहा है, प्रेम किसी भी भाषा में हो वह खूबसूरत ही होता है। आपकी कविता दिल को छू गई, बहुत-बहुत बधाई!!!गिरिराज जोशीhttps://www.blogger.com/profile/13316021987438126843noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6788328943384754751.post-17939779006877780892007-09-15T06:38:00.000-07:002007-09-15T06:38:00.000-07:00आपका स्वागत है यहाँ नितिन जी ... बहुत ही सुंदर है ...आपका स्वागत है यहाँ नितिन जी ... बहुत ही सुंदर है यह कविता .प्रेम किसी भी भाषा में हो वह खुबसूरत ही होता है ..<BR/>हो सके तो साथ में इसका हिन्दी में अनुवाद कर दें बहुत बहुत शुक्रिया आपकारंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.com